Description
महात्मा गांधी ने लाइफ ऑफ श्री रामकृष्ण नामक ग्रन्थ की भूमिका में लिखा है: श्री रामकृष्ण का जीवन व्यावहारिक धर्म का आदर्श उदाहरण है| उनके जीवन से पेरणा ले कर हम ईश्वर से साक्षात्कार कर सकते है| पश्चिम बंगाल के मुसलमान क्रान्तिकारी कवि, स्वर्गीय काजी नजरुल इस्लाम ने श्री रामकृष्ण पर एक बहुत सुन्दर कविता लिखी है, जिसमें उन्होंने श्री रामकृष्ण में सतयुग या स्वर्ग- युग के आरंभ की झलक देखी: सत्य युगेर पुण्य- स्मृति कलिते आनिले, तुमि तापस…
हे तपस्वी, तुमने इस कलियुग में भी सतयुग की पावन स्मृति प्रस्तुत की है| फेंच लेखक रोमाँ रोलाँ ने अपनी पुस्तक लाइफ ऑफ रामकृष्ण में उनका परिचय इन शब्दों मे दिया है, उनमें तीस करोड व्यक्तियों के दो हजार वर्षों के अध्यात्मिक जीवन का सार निहित है| श्री रामकृष्ण के चरित्र में हम उस विशेषता को देखते हैं जिसे विख्यात दार्शनिक, बर्ट्रेंड रसेल ने वर्तमान मानव के लिए आवश्यक बताया है – ज्ञान का विकसित हो कर विवेक में परिवर्तित हो जाना; अन्यथा मानवीय ज्ञान की वृद्धि केवल दु:ख की वृद्धि बन कर रह जायेगी|
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