Description
उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान भारत के सबसे प्रमुख धार्मिक शख्सियतों में से एक रामकृष्ण परमहंस एक रहस्यवादी और योगी थे. जिन्होंने जटिल आध्यात्मिक अवधारणाओं को स्पष्ट और आसानी से समझदारी से अनुवादित किया. 1836 में एक साधारण बंगाली ग्रामीण परिवार में जन्मे रामकृष्ण सरल योगी थे. उन्होंने अपने जीवन भर विभिन्न रूपों में दिव्यांगों का पीछा किया और प्रत्येक व्यक्ति में सर्वोच्च व्यक्ति के दिव्य अवतार में विश्वास किया. कहीं-कहीं उन्हें भगवान विष्णु के आधुनिक दिन के पुनर्जन्म को माना जाता था. रामकृष्ण जीवन के सभी क्षेत्रों से परेशान आत्माओं को आध्यात्मिक मुक्ति का अवतार थे. वह बंगाल में हिंदू धर्म के पुनरुद्धार में एक प्रमुख व्यक्ति थे, जब गहन आध्यात्मिक संकट ब्राह्मणवाद और ईसाई धर्म को अपनाने वाले युवा बंगालियों की प्रबलता के कारण प्रांत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था.
1886 में उनकी मृत्यु के साथ उनकी विरासत समाप्त नहीं हुई. उनके सबसे प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन के माध्यम से उनकी शिक्षाओं और दर्शन को दुनिया तक पहुंचाया. संक्षेप में उनकी शिक्षाएँ प्राचीन ऋषियों और द्रष्टाओं की तरह पारंपरिक थीं, फिर भी वे उम्र भर समकालीन बने रहे.
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