Description

स्वामीजी के विपुल साहित्य का गम्भीर अध्ययन कर उनके नेतृत्व एवं विकास सम्बन्धी सिद्धान्तों का सराहनीय संकलन प्रस्तुत ग्रंथ में किया गया है